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Friday, 17 March 2017

मराठी भाषण teacher day



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मराठी भाषण

सर्वपल्ली राधाकृष्णन' हे भारताचे माजी राष्ट्रपती व नामांकित शिक्षणतज्‍ज्ञ हाते. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (सप्टेंबर ५, इ.स. १८८८:तिरुत्तनी, तमिळनाडू - १७ एप्रिल १९७५) हे भारताचे भारताचे पहिले उपराष्ट्रपती आणि दुसरे राष्ट्रपती होते. त्यांच्या कार्यकाळ (इ.स. १९५२ - इ.स. १९६२) असा आहे. त्यांचा जन्म दक्षिण भारतात तिरुत्तनी या ठिकाणी झाला. हे गाव चेन्नई (मद्रास) शहरापासून ईशान्येला ६४ किमी अंतरावर आहे. राधाकृषणन यांचा ५ सप्टेंबर हा जन्मदिवस भारतात शिक्षक-दिन म्हणून साजरा केला जातो.

पाश्चात्त्य जगताला भारतीय चिद्‌वादाचा तात्त्विक परिचय करून देणारा भारतावरील ब्रिटिश सत्ताकाळातला महत्वाचा विचारवंत म्हणून राधाकृष्णन यांना ओळखले जाते[ संदर्भ हवा ]. भारतीय तत्त्वज्ञानाचे भाष्यकार म्हणून ते ऑक्सफर्डमध्ये नावाजले गेले. त्यांच्या कार्याचे महत्त्व जाणून ऑक्सफर्ड विद्यापीठानेत्यांच्या नावाने 'राधाकृष्णन मेमोरियल बिक्वेस्ट' हा पुरस्कार ठेवला आहे.[२].

राधाकृष्णन यांच्या जीवनात तीन प्रमुख प्रश्न होते
. पहिला प्रश्न असा की, नीतिमान पण चिकित्सक, विज्ञानोन्मुख पण अध्यात्मप्रवण असा नवा माणूस कसा निर्माण करता येईल? या दृष्टीने शिक्षणाचा काही उपयोग होऊ शकेल का? दुसरा प्रश्न असा होता की, प्राचीन भारतीय तत्त्वचिंतन सर्व जगाला आधुनिक भाषाशैलीत, आधुनिक पद्धतीने कसे समजावून सांगता येईल? भारतीय तत्त्वचिंतनाचे वैभव जगाला नेमकेपणाने कसे सांगावे? कसे पटवून द्यावे? तिसरा प्रश्न असा होता की; मानव जातीचे भवितव्य घडवण्यासाठी सांस्कृतिक संचिताचा उपयोग किती?' कुणाशीही ते याच तीन प्रश्नांच्या अनुरोधाने बोलत, असे नरहर कुरुंदकर लिहितात.[३]
१९५४ :' भारतरत्‍न' पुरस्काराने सन्मानित.

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भाषण 2

गुरु ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात परब्रह्म तस्मैः श्री गुरुवेः नमः।`

आज ५ सप्टेंबर... शिक्षक दिन... शिक्षक हा सामाजाचा निर्माण कर्ता आहे. छोट्या बालकाचे देशाचा उत्कृष्ट नागरिक म्हणून परिवर्तन करण्याचे कार्य शिक्षकाला कारायचे असते... त्याचमुळे या दिवसाला फार महत्त्व आहे.

आज डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन यांचा जन्मदिवस... हाच दिवस शिक्षक दिन म्हणून साजरा केला जातो. डॉ. राधाकृष्णन हे भारताचे दुसरे राष्ट्रपती.... शिक्षकांच्या भूमिकेचं महत्त्व आणि भविष्यातील पिढ्यांच्या जागरुकतेसाठी हा दिवस साजरा केला जातो.

शिक्षक दिन हा केवळ भारतातच साजरा केला जातो असं नाही... जगभरात वेगवेगळ्या दिवशी का होईना पण हा दिवस साजरा करतात. युनेस्कोनं ५ ऑक्टोबर हा आंतराराष्ट्रीय शिक्षक दिन म्हणून जाहीर केलाय. पण, भारतात मात्र राधाकृष्ण यांच्या सन्मानार्थ ५ सप्टेंबर हा शिक्षक दिन म्हणून साजरा करण्याचा निर्णय घेण्यात आला. १९६२ साली ते राष्ट्रपतीपदावर विराजन झाले होते. तेव्हा काही शिष्य आणि प्रशंसकांनी त्यांना त्यांचा दिवस शिक्षक दिन म्हणून साजरा करण्याची परवानगी मागितली. ‘माझा जन्मदिवस शिक्षक दिनाच्या रुपात साजरा करणं माझ्यासाठी गौरवास्पद आहे’ असं त्यावेळी राधाकृष्ण यांनी सांगितलं. शिक्षकांनी केवळ पाठ्यपुस्तकं मुलांना पढवून संतुष्ट होऊ नये, तर त्यांनी विद्यार्थ्यांना स्नेह आणि आदरही दिला पाहिजे. फक्त शिक्षक असून सन्मान मिळत नाही, तर हा सन्मान प्राप्त करावा लागतो, असं त्यांचं म्हणणं होतं...

जगभरातील शिक्षक दिन...
चीनमध्ये १९३१ मध्ये ‘नॅशनल सेन्ट्रल यूनिव्हर्सिटी’मध्ये शिक्षक दिनाची सुरूवात करण्यात आली. चीनी सरकारकडून मात्र १९३२ मध्ये या दिवसाला स्वीकृती मिळाली.

त्यानंतर १९३९ मध्ये कन्फ्यूशिअसचा जन्मदिवस, २७ ऑगस्ट हा दिवस शिक्षक दिन म्हणून घोषित करण्यात आला... पण त्यानंतर पुन्हा १९५१मध्ये हा निर्णय रद्द करण्यात आला. त्यानंतर १९८५ मध्ये १० सप्टेंबर हा दिवस शिक्षक दिन म्हणून घोषित करण्यात आला.

आता मात्र पुन्हा एकदा अनेक लोकं कन्फ्युशिअसचाच वाढदिवस शिक्षक दिन म्हणून घोषित करण्याची मागणी करत आहेत. रशियामध्ये १९६५ ते १९९४ पर्यंत ऑक्टोबर महिन्यातील पहिला रविवार शिक्षक दिन म्हणून साजरा केला जात होता. १९९४ सालापासून युनेस्कोच्या निर्णयानंतर त्यांनी ५ ऑक्टोबर हा दिवस शिक्षक दिन म्हणून स्वीकारला.

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■★★ भाषण PDF ■★★

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हिंदी भाषण

भारत भूमि पर अनेक विभूतियों ने अपने ज्ञान से हम सभी का मार्ग दर्शन किया है। उन्ही में से एक महान विभूति शिक्षाविद्, दार्शनिक, महानवक्ता एवं आस्थावान विचारक डॉ. सर्वपल्लवी राधाकृष्णन जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। उनकी मान्यता थी कि यदि सही तरीके से शिक्षा दी जाय़े तो समाज की अनेक बुराईयों को मिटाया जा सकता है। (डॉ. राधाकृष्णन के बारे में विस्तार से यहाँ पढ़ें , उनके अनमोल विचार यहाँ पढ़ें)

ऐसी महान विभूति का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाना हम सभी के लिये गौरव की बात है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व का ही असर था कि 1952 में आपके लिये संविधान के अंतर्गत उपराष्ट्रपति का पद सृजित किया गया। स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति जब 1962 में राष्ट्रपति बने तब कुछ शिष्यों ने एवं प्रशंसकों ने आपसे निवेदन किया कि  वे उनका जनमदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाना चाहते हैं। तब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने कहा कि मेरे जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने से मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस करूंगा। तभी से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ज्ञान के सागर थे। उनकी हाजिर जवाबी का एक किस्सा आपसे share कर रहे हैः—

एक बार एक प्रतिभोज के अवसर पर अंग्रेजों की तारीफ करते हुए एक अंग्रेज ने कहा – “ईश्वर हम अंग्रेजों को बहुत प्यार करता है। उसने हमारा निर्माण बङे यत्न और स्नेह से किया है। इसी नाते हम सभी इतने गोरे और सुंदर हैं।“ उस सभा में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भी उपस्थित थे। उन्हे ये बात अच्छी नही लगी अतः उन्होने उपस्थित मित्रों को संबोधित करते हुए एक मनगढंत किस्सा सुनाया—

“मित्रों, एक बार ईश्वर को रोटी बनाने का मन हुआ उन्होने जो पहली रोटी बनाई, वह जरा कम सिकी। परिणामस्वरूप अंग्रेजों का जन्म हुआ। दूसरी रोटी कच्ची न रह जाए, इस नाते भगवान ने उसे ज्यादा देर तक सेंका और वह जल गई। इससे निग्रो लोग पैदा हुए। मगर इस बार भगवान जरा चौकन्ने हो गये। वह ठीक से रोटी पकाने लगे। इस बार जो रोटी बनी वो न ज्यादा पकी थी न ज्यादा कच्ची। ठीक सिकी थी और परिणाम स्वरूप हम भारतीयों का जन्म हुआ।”

ये किस्सा सुनकर उस अग्रेज का सिर शर्म से झुक गया और बाकी लोगों का हँसते हँसते बुरा हाल हो गया।

मित्रों, ऐसे संस्कारित एवं शिष्ट माकूल जवाब से किसी को आहत किये बिना डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने भारतीयों को श्रेष्ठ बना दिया। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का मानना था कि व्यक्ति निर्माण एवं चरित्र निर्माण में शिक्षा का विशेष योगदान है। वैश्विक शान्ति, वैश्विक समृद्धि एवं वैश्विक सौहार्द में शिक्षा का महत्व अतिविशेष है। उच्चकोटी के शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को भारत के प्रथम राष्ट्रपति महामहीम डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत रत्न से सम्मानित किया।

डॉ. राधाकृष्णन कहा करते थे-

पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों  के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।

मित्रों, महामहीम राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के महान विचारों को ध्यान में रखते हुए  शिक्षक दिवस के पुनीत अवसर पर हम सब ये प्रण करें कि शिक्षा की ज्योति को ईमानदारी से अपने जीवन में आत्मसात करेंगे क्योंकि शिक्षा किसी में भेद नही करती, जो इसके महत्व को समझ जाता है वो अपने भविष्य को सुनहरा बना लेता है।

समस्त शिक्षकों को हम निम्न शब्दों से नमन करते हैं—

ज्ञानी के मुख से झरे, सदा ज्ञान की बात।

हर एक पंखुड़ी फूल, खुशबू की सौगात।।


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गुरु का स्थान

एक राजा था. उसे पढने लिखने का बहुत शौक था. एक बार उसने मंत्री-परिषद् के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की. शिक्षक राजा को पढ़ाने के लिए आने लगा. राजा को शिक्षा ग्रहण करते हुए कई महीने बीत गए, मगर राजा को कोई लाभ नहीं हुआ. गुरु तो रोज खूब मेहनत करता थे परन्तु राजा को उस शिक्षा का कोई फ़ायदा नहीं हो रहा था. राजा बड़ा परेशान, गुरु की प्रतिभा और योग्यता पर सवाल उठाना भी गलत था क्योंकि वो एक बहुत ही प्रसिद्द और योग्य गुरु थे. आखिर में एक दिन रानी ने राजा को सलाह दी कि राजन आप इस सवाल का जवाब गुरु जी से ही पूछ कर देखिये.

 राजा ने एक दिन हिम्मत करके गुरूजी के सामने अपनी जिज्ञासा रखी, ” हे गुरुवर , क्षमा कीजियेगा , मैं कई महीनो से आपसे शिक्षा ग्रहण कर रहा हूँ पर मुझे इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है. ऐसा क्यों है ?”

 गुरु जी ने बड़े ही शांत स्वर में जवाब दिया, ” राजन इसका कारण बहुत ही सीधा सा है…”

” गुरुवर कृपा कर के आप शीघ्र इस प्रश्न का उत्तर दीजिये “, राजा ने विनती की.

गुरूजी ने कहा, “राजन बात बहुत छोटी है परन्तु आप अपने ‘बड़े’ होने के अहंकार के कारण इसे समझ नहीं पा रहे हैं और परेशान और दुखी हैं. माना कि आप एक बहुत बड़े राजा हैं. आप हर दृष्टि से मुझ से पद और प्रतिष्ठा में बड़े हैं परन्तु यहाँ पर आप का और मेरा रिश्ता एक गुरु और शिष्य का है. गुरु होने के नाते मेरा स्थान आपसे उच्च होना चाहिए, परन्तु आप स्वंय ऊँचे सिंहासन पर बैठते हैं और मुझे अपने से नीचे के आसन पर बैठाते हैं. बस यही एक कारण है जिससे आपको न तो कोई शिक्षा प्राप्त हो रही है और न ही कोई ज्ञान मिल रहा है. आपके राजा होने के कारण मैं आप से यह बात नहीं कह पा रहा था.

कल से अगर आप मुझे ऊँचे आसन पर बैठाएं और स्वंय नीचे बैठें तो कोई कारण नहीं कि आप शिक्षा प्राप्त न कर पायें.”

 राजा की समझ में सारी बात आ गई और उसने तुरंत अपनी गलती को स्वीकारा और गुरुवर से उच्च शिक्षा प्राप्त की .

मित्रों, इस छोटी सी कहानी का सार यह है कि हम रिश्ते-नाते, पद या धन वैभव किसी में भी कितने ही बड़े क्यों न हों हम अगर अपने गुरु को उसका उचित स्थान नहीं देते तो हमारा भला होना मुश्किल है. और यहाँ स्थान का अर्थ सिर्फ ऊँचा या नीचे बैठने से नहीं है , इसका सही अर्थ है कि हम अपने मन में गुरु को क्या स्थान दे रहे हैं।  क्या हम सही मायने में उनको सम्मान दे रहे हैं या स्वयं के ही श्रेस्ठ होने का घमंड कर रहे हैं ? अगर हम अपने गुरु या शिक्षक के प्रति हेय भावना रखेंगे तो हमें उनकी योग्यताओं एवं अच्छाइयों का कोई लाभ नहीं मिलने वाला और अगर हम उनका आदर करेंगे, उन्हें महत्व देंगे तो उनका आशीर्वाद हमें सहज ही प्राप्त होगा.



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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार

Quote 1: It is not God that is worshiped but the group or authority that claims to speak in His name. Sin becomes disobedience to authority not violation of integrity.

In Hindi: भगवान् की पूजा नहीं होती बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके  के नाम पर बोलने का दावा करते हैं.पाप पवित्रता का उल्लंघन नहीं ऐसे लोगों की आज्ञा  का उल्लंघन बन जाता है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 2: All our world organizations will prove ineffective if the truth that love is stronger than hate does not inspire them.

In Hindi: दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 3: Only the man of serene mind can realize the spiritual meaning of life. Honesty with oneself is the condition of spiritual integrity.

In Hindi: केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है. स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 4: Age or youth is not a matter of chronology. We are as young or as old as we feel. What we think about ourselves is what matters.

In Hindi: उम्र या युवावस्था का काल-क्रम से लेना-देना नहीं है. हम उतने ही नौजवान या बूढें हैं जितना हम महसूस करते हैं. हम अपने बारे में क्या सोचते हैं यही मायने रखता है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 5: Books are the means by which we build bridges between cultures.

In Hindi: पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों  के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 6: Arts reveal to us the deeper layers of the human soul. Art is possible only when heaven touches earth.

In Hindi: कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है. कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को छुए.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 7: Democracy is a faith in the spiritual possibilities of not a privileged few but of every human being.

In Hindi: लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 8: A literary genius, it is said, resembles all, though no one resembles him.

In Hindi: एक साहित्यिक प्रतिभा , कहा जाता है कि हर एक की तरह दिखती है, लेकिन उस जैसा कोई नहीं दिखता.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 9: We must recall humanity to those moral roots from which both order and freedom spring.

In Hindi: हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 10: The end-product of education should be a free creative man, who can battle against historical circumstances and adversities of nature.

In Hindi: शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 11: Reading a book gives us the habit of solitary reflection and true enjoyment.

In Hindi: किताब पढना हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 12: The poet’s religion has no place for any fixed doctrine.

In Hindi: कवी के धर्म में किसी निश्चित सिद्धांत के लिए कोई जगह नहीं है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 13: It is said that a man without religion is like a horse without bridle.

In Hindi: कहते हैं कि धर्म के बिना इंसान लगाम के बिना घोड़े की तरह है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 14: If a man becomes demon it is his defeat, if a man becomes superman it is his magical feat,if a man becomes human it is his victory.

In Hindi: यदि मानव  दानव  बन जाता  है तो ये उसकी  हार  है , यदि मानव महामानव बन जाता है तो ये उसका चमत्कार  है .यदि मनुष्य  मानव  बन जाता है तो ये उसके जीत है .

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Quote 15:Religion is the conquest of fear ; the antidote to failure and death.

In Hindi: धर्म भय पर विजय है; असफलता और मौत का मारक है.

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Quote 16: Nations, like individuals, are made, not only by what” they acquire, but by what they resign.

In Hindi: राष्ट्र, लोगों की तरह सिर्फ जो हांसिल किया उससे नहीं बल्कि जो छोड़ा उससे भी निर्मित होते हैं.

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Quote 17: Human life as we have it is only the raw material for Human life as it might be.

In Hindi: मानवीय जीवन जैसा हम जीते हैं वो महज हम जैसा जीवन जी सकते हैं उसक कच्चा रूप है.

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Quote 18: No one Who holds himself aloof from the activities of the world and who is insensitive to its woes can be really wise.

In Hindi: कोई भी जो स्वयं को सांसारिक गतिविधियों से दूर रखता है और इसके संकटों के प्रति असंवेदनशील है वास्तव में बुद्धिमान नहीं हो सकता.

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Quote 19: Spiritual life is the genius of India.

In Hindi: आध्यात्मक जीवन भारत की प्रतिभा है.

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Quote 20: Human nature is fundamentally good, and the spread of enlightenment will abolish all wrong.

In Hindi: मानवीय स्वाभाव मूल रूप से अच्छा है, और आत्मज्ञान का प्रयास सभी बुराईयों को ख़त्म कर देगा.

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Quote 21: One has to achieve not merely technical efficiency but greatness of Spirit.

In Hindi: मनुष्य को सिर्फ तकनीकी दक्षता नही बल्कि आत्मा की महानता प्राप्त करने की भी ज़रुरत है.

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Quote 22: Wealth, power and efficiency are the appurtenances of life and not life itself.

In Hindi: धन, शक्ति और दक्षता केवल जीवन के साधन हैं खुद जीवन नहीं.

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Quote 23: To look upon life as an evil and treat the world as delusion is sheer ingratitude.

In Hindi: जीवन को बुराई की तरह देखता और दुनिया को एक भ्रम मानना महज कृतध्नता है.

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Quote 24: A life of joy and happiness is possible only on the basis of knowledge and science.

In Hindi: हर्ष और आनंद से परिपूर्ण जीवन केवल ज्ञान और विज्ञान के आधार पर संभव है.

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Quote 25: Death is never an end or obstacle but at most the beginning of new steps.

In Hindi: मौत कभी अंत या बाधा नहीं है बल्कि अधिक से अधिक नए कदमो की शुरुआत है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 26: Peace can come not by political or economic changes but through a change in human nature.

In Hindi: शांति राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकते बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 27: Knowledge gives us power, love gives us fullness. ……

In Hindi: ज्ञान हमें शक्ति देता है, प्रेम हमें परिपूर्णता देता है. ……

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Quote 28: The greatest gift of life is the dream of a higher life.

In Hindi: जीवन का सबसे बड़ा उपहार एक उच्च जीवन का सपना है.

 Sarvepalli Radhakrishnan  सर्वपल्ली राधाकृष्णन

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शिक्षक दिवस पर अनमोल वचन शायरी

★★ शिक्षक दिन चारोळी pdf ★★

| Teachers Day Quotes Shayari Speech Essay In Hindi


शिक्षक में दो गुण निहित होते हैं – एक जो आपको डरा कर नियमों में बाँधकर एक सटीक इंसान बनाते हैं और दूसरा जो आपको खुले आसमा में छोड़ कर आपको मार्ग प्रशस्त करते जाते हैं |
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जन्म दाता से ज्यादा महत्व शिक्षक का होता हैं क्यूंकि ज्ञान ही व्यक्ति को इंसान बनाता हैं जीने योग्य जीवन देता हैं |
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एक शिक्षक किताबी ज्ञान देता हैं, एक आपको विस्तार समझाता हैं एक स्वयं कार्य करके दिखाता हैं और एक आपको रास्ता दिखाकर आपको उस पर चलने के लिए छोड़ देता हैं ताकि आप अपना स्वतंत्र व्यक्तित्व बना सके | यह अंतिम गुण वाला शिक्षक सदैव आपके भीतर प्रेरणा के रूप में रहता हैं जो हर परिस्थिती में आपको संभालता हैं आपको प्रोत्साहित करता हैं |
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आज के प्रतिस्पर्धा के समय में आपका विरोधी ही आपका सबसे अच्छा शिक्षक हैं |
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एक बेहतर शिक्षक सफलता का चढ़ाव नहीं अपितु असफलता का ढलान हैं |
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जो असफल होकर निचे गिरते हैं वास्तव में वही शिक्षित होते हैं क्यूंकि जब वे वापस अपना नया रास्ता बनाते हैं उन्हें आतंरिक भय नहीं सताता |
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किसी शिष्य को उसके वास्तविक गुणों एवम अवगुणों से उसका परिचय करवाना ही एक सच्चे शिक्षक का परिचय हैं |
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हर किसी की सफलता की नींव में एक शिक्षक की भूमिका अवश्य होती हैं | बिना प्रेरणा के किसी भी ऊँचाई तक पहुंचना असम्भव हैं |
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हम अपने जीवन के लिए माता पिता के ऋणी होते हैं लेकिन एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए हम एक शिक्षक के ऋणी होते हैं |
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वक्त का हर एक लम्हा शिक्षा देता हैं वास्तव में समय एवम अनुभव ही हमारे प्राकृतिक शिक्षक हैं |
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एक सफल शिक्षक वही हैं जिसमे सहनशीलता एवम सकारात्मकता होती हैं |
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माँ ही जीवन की वास्तविक शिक्षिका होती हैं क्यूंकि वही हमें करुण एवम आदर का भाव देती हैं | यही भाव सीखने की कला विकसित करते हैं |
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शिक्षक स्वयम कभी बुलंदियों पर नहीं पहुँचते लेकिन बुलंदियों पर पहुँचने वालो को शिक्षक ही निर्मित करते हैं |
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किसी महान देश को महान बनाने के लिए माता पिता एवम शिक्षक ही ज़िम्मेदार होते हैं |
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दुनिया के विभिन्न देशों में कब मनाया जाता है, टीचर्स डे –

क्रमांक देश का नाम तारीख
1. बांग्लादेश 5 अक्टूबर
2. ऑस्ट्रेलिया अक्टूबर के आखिरी शुक्रवार
3. चाइना 10 सितम्बर
4. जर्मनी 5 अक्टूबर
5. ग्रीस 30 जनवरी
6. मलेशिया 16 मई
7. पाकिस्तान 5 अक्टूबर
8. श्रीलंका 6 अक्टूबर
9. यूके 5 अक्टूबर
10. यूएसए मई के पहले हफ्ते में नेशनल टीचर वीक मनाया जाता है
11. ईरान 2 मई
वर्ल्ड टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, इसी दिन दुनिया के 21 देश इसे बड़ी धूमधाम से मनाते है| इसके अलावा 28 फ़रवरी को दुनिया के 11 देश टीचर्स डे मनाते है| 

शिक्षक दिवस पर व्हाट्स अप सन्देश

Teachers Day Whatsapp Msg
चीर अंधकार से एक शिक्षक ही बाहर निकाल सकता हैं |
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एक शिक्षक आपको डराता हैं लेकिन इसमें भलाई छिपी होती हैं |
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शिक्षक का व्यक्तितव एक श्री फल के समान होता हैं |
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शिक्षक बनना सबसे बड़ा उत्तरदायित्व हैं | शिक्षा ही मनुष्य को देश भक्त या आतंकवादी बना सकती हैं |
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एक विद्यालय का नाम अच्छे छात्रों से नहीं बल्कि बेहतरीन व्यक्तित्व वाले शिक्षकों से होना चाहिये |
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शिक्षक के पास ही वो कला हैं जो मिट्टी को सोने में बदल सकती हैं |
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किताबे एवम अनमोल वचन भी जीवन में शिक्षक की भूमिका अदा करती हैं |
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Teacher’s Day Shayari  शिक्षक दिवस पर शायरी अब यहाँ से आपको शायरी का संकलन मिलेगा जिसमे आपको शिक्षक के गुणों एवम उनके महत्व पर आधारित काव्य रचना मिलेगी |

Teachers Day Shayari or kavita
शिक्षक दिवस पर शायरी और कविता
जीवन का मार्ग कठिन हैं
सत्य का विचार कठिन हैं
पर जो हर हाल में सत्य सिखाये
वही एक सफल शिक्षक कहलाये
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चंद शब्दों में नहीं होती बयाँ
ईश्वर के तुल्य हैं जिनकी काया
ऐसे गुरु वर को शत शत नमन
उनके चरणों में जीवन अर्पण
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शिक्षक हैं एक दीपक की छवि
जो जलकर दे दूसरों को रवि
ना रखता वो कोई ख्वाइश बड़ी
बस शिष्य की सफलता ही हैं खुशियों की लड़ी
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कड़ी धूप में जो दे वृक्ष सी छाया
ऐसी हैं इनके ज्ञान की माया
नहीं होता कोई रक्त सम्बन्ध
फिर भी हैं जीवन का अनमोल बंधन
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शिक्षक में दो गुण निहित होते हैं – एक जो आपको डरा कर नियमों में बाँधकर एक सटीक इंसान बनाते हैं और दूसरा जो आपको खुले आसमा में छोड़ कर आपको मार्ग प्रशस्त करते जाते हैं |
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जन्म दाता से ज्यादा महत्व शिक्षक का होता हैं क्यूंकि ज्ञान ही व्यक्ति को इंसान बनाता हैं जीने योग्य जीवन देता हैं |
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एक शिक्षक किताबी ज्ञान देता हैं, एक आपको विस्तार समझाता हैं एक स्वयं कार्य करके दिखाता हैं और एक आपको रास्ता दिखाकर आपको उस पर चलने के लिए छोड़ देता हैं ताकि आप अपना स्वतंत्र व्यक्तित्व बना सके | यह अंतिम गुण वाला शिक्षक सदैव आपके भीतर प्रेरणा के रूप में रहता हैं जो हर परिस्थिती में आपको संभालता हैं आपको प्रोत्साहित करता हैं |
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आज के प्रतिस्पर्धा के समय में आपका विरोधी ही आपका सबसे अच्छा शिक्षक हैं |
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एक बेहतर शिक्षक सफलता का चढ़ाव नहीं अपितु असफलता का ढलान हैं |
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जो असफल होकर निचे गिरते हैं वास्तव में वही शिक्षित होते हैं क्यूंकि जब वे वापस अपना नया रास्ता बनाते हैं उन्हें आतंरिक भय नहीं सताता |
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किसी शिष्य को उसके वास्तविक गुणों एवम अवगुणों से उसका परिचय करवाना ही एक सच्चे शिक्षक का परिचय हैं |
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हर किसी की सफलता की नींव में एक शिक्षक की भूमिका अवश्य होती हैं | बिना प्रेरणा के किसी भी ऊँचाई तक पहुंचना असम्भव हैं |
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हम अपने जीवन के लिए माता पिता के ऋणी होते हैं लेकिन एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए हम एक शिक्षक के ऋणी होते हैं |
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वक्त का हर एक लम्हा शिक्षा देता हैं वास्तव में समय एवम अनुभव ही हमारे प्राकृतिक शिक्षक हैं |
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एक सफल शिक्षक वही हैं जिसमे सहनशीलता एवम सकारात्मकता होती हैं |
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माँ ही जीवन की वास्तविक शिक्षिका होती हैं क्यूंकि वही हमें करुण एवम आदर का भाव देती हैं | यही भाव सीखने की कला विकसित करते हैं |
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शिक्षक स्वयम कभी बुलंदियों पर नहीं पहुँचते लेकिन बुलंदियों पर पहुँचने वालो को शिक्षक ही निर्मित करते हैं |
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किसी महान देश को महान बनाने के लिए माता पिता एवम शिक्षक ही ज़िम्मेदार होते हैं |
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दुनिया के विभिन्न देशों में कब मनाया जाता है, टीचर्स डे –

क्रमांक देश का नाम तारीख
1. बांग्लादेश 5 अक्टूबर
2. ऑस्ट्रेलिया अक्टूबर के आखिरी शुक्रवार
3. चाइना 10 सितम्बर
4. जर्मनी 5 अक्टूबर
5. ग्रीस 30 जनवरी
6. मलेशिया 16 मई
7. पाकिस्तान 5 अक्टूबर
8. श्रीलंका 6 अक्टूबर
9. यूके 5 अक्टूबर
10. यूएसए मई के पहले हफ्ते में नेशनल टीचर वीक मनाया जाता है
11. ईरान 2 मई
वर्ल्ड टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, इसी दिन दुनिया के 21 देश इसे बड़ी धूमधाम से मनाते है| इसके अलावा 28 फ़रवरी को दुनिया के 11 देश टीचर्स डे मनाते है| 

शिक्षक दिवस पर व्हाट्स अप सन्देश

Teachers Day Whatsapp Msg
चीर अंधकार से एक शिक्षक ही बाहर निकाल सकता हैं |
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एक शिक्षक आपको डराता हैं लेकिन इसमें भलाई छिपी होती हैं |
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शिक्षक का व्यक्तितव एक श्री फल के समान होता हैं |
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शिक्षक बनना सबसे बड़ा उत्तरदायित्व हैं | शिक्षा ही मनुष्य को देश भक्त या आतंकवादी बना सकती हैं |
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एक विद्यालय का नाम अच्छे छात्रों से नहीं बल्कि बेहतरीन व्यक्तित्व वाले शिक्षकों से होना चाहिये |
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शिक्षक के पास ही वो कला हैं जो मिट्टी को सोने में बदल सकती हैं |
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किताबे एवम अनमोल वचन भी जीवन में शिक्षक की भूमिका अदा करती हैं |
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Teacher’s Day Shayari  शिक्षक दिवस पर शायरी अब यहाँ से आपको शायरी का संकलन मिलेगा जिसमे आपको शिक्षक के गुणों एवम उनके महत्व पर आधारित काव्य रचना मिलेगी |

Teachers Day Shayari or kavita
शिक्षक दिवस पर शायरी और कविता
जीवन का मार्ग कठिन हैं
सत्य का विचार कठिन हैं
पर जो हर हाल में सत्य सिखाये
वही एक सफल शिक्षक कहलाये
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चंद शब्दों में नहीं होती बयाँ
ईश्वर के तुल्य हैं जिनकी काया
ऐसे गुरु वर को शत शत नमन
उनके चरणों में जीवन अर्पण
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शिक्षक हैं एक दीपक की छवि
जो जलकर दे दूसरों को रवि
ना रखता वो कोई ख्वाइश बड़ी
बस शिष्य की सफलता ही हैं खुशियों की लड़ी
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कड़ी धूप में जो दे वृक्ष सी छाया
ऐसी हैं इनके ज्ञान की माया
नहीं होता कोई रक्त सम्बन्ध
फिर भी हैं जीवन का अनमोल बंधन


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भीड़ में हैं एक गुरु ही अपना
दिखाये जो जीवन का सपना
पग पग पर देते वो दिशा निर्देश
गुरु से ही सजे जीवन परिवेश
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ना तारीफ के शब्दों की हैं उसको चाहत
ना महंगे उपहारों से होती उसकी इबादत
उसे मिलती हैं तब ही आत्मीय शांति
जब फैलती हैं विश्व में शिष्य की कान्ति
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सफल जीवन सजता हैं सपनो से
जो मिलता हैं किसी गुरु की दस्तक से
जीवन सूर्य सा प्रकाशित हो उठता हैं
जब साथ एक सच्चे गुरु का मिलता हैं |
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बिन गुरु नहीं होता जीवन साकार
सिर पर होता जब गुरु का हाथ
तभी बनाता जीवन का सही आकार
गुरु ही हैं सफल जीवन का आधार
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हर काम आसान हो जाता हैं
जब सच्चे शिक्षक का सानिध्य मिलता हैं
फिर कितने ही आये जीवन में उतार चढ़ाव
शिक्षक के चरणों में ही मिलता हैं ठहराव
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जीवन जितना सजता हैं माता-पिता के प्यार से
उतना ही महकता हैं गुरु के आशीर्वाद से
समाज कल्याण में जितने माता पिता होते हैं खास
उतने ही गुरु के कारण देश की होती हैं साख


Teachers Day Speech"

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Teachers Day Speech 1

A teacher's purpose is not to create
students in his own image,
but to develop students
who can create their own image."

Good morning to the respected teachers and my dear colleagues. As we all know the reason of nice gathering here in such a huge crowd. We are here to celebrate Teacher’s day today and to give them our heartily tribute for their hard efforts of making our and nation’s future. Today is 5th of September and at this day we celebrate teachers day every year with lots of joy, happiness and enthusiasm. First of all I would like to thank my class teacher to give me such a big opportunity to speech here at this great occasion. My dear friends, today on the occasion of Teachers Day, I would like to speech on importance of teachers in our life in English.
5th of September is celebrated as Teachers’ Day all over the India every year. Actually 5th of September is the birth anniversary of the Dr. Sarvepalli Radhakrishnan, who was a great scholar and teacher. In his later life first he became the Vice President of Indian republic and then the President of Indian republic.
Students all across the country observe this day to pay respect to their teachers. It is truly said that teachers are like back bone of our society. They play a great role in building up the characters of students and shape them to become an ideal citizens of India.
Teachers teach students very carefully and sincerely just like their own children. It is well said that teachers are great than the parents. Parents give birth to a child whereas teachers shape his/her character and make future bright. Thus we never forget and ignore them, we always respect and love them. Our parents are responsible for giving us love and quality care however our teachers are responsible for making whole future bright and successful. They let us know the importance of education in our life through their continuous efforts. They are the source of inspiration to us which help us to go ahead and get success. They motivate us towards study by giving examples of great personalities all over the world. They make us so strong and prepare to withstand any obstacle of the life. They become full of immense knowledge and wisdom using which they nourish our lives. Come on my dear friends, say together that ‘our respected teachers we are always grateful to you for all you do to us’. My dear friends we should always obey our teachers orders and follow their advice to be the worthy citizens of India.
Thank You

Teachers Day Speech 2

A very good morning to the Principal, respected teachers and my dear colleagues. We are here today to celebrate a most honorable occasion of Teachers day. Really it is an honorable occasion to all the students all over the India. It is observed every year to pay respect to the teachers from their obedient students. So, dear friends come on and join this celebration to pay a heartily respect to our own teachers. They are called as the back bone of our society because they highly contribute in building up our characters, shaping our future and help us to be ideal citizens of the country.
Teacher’s day is celebrated all across the India every year on 5th of September to pay tribute to the teachers for their precious contributions in our study as well as towards the society and country. There is a great reason behind the celebration of teacher’s day on 5th of September. Actually, 5th of September is the birthday Dr. Sarvapalli Radhakrishnan. He was a great person and highly devoted towards the education. He was well known as the scholar, diplomat, Vice President of India, President of India and most importantly the Teacher. After his selection as the Indian President in 1962, he was asked and requested by the students to get permission to celebrate his birthday on 5th of September. However, he replied that, instead of celebrating 5th of September as my personal birthday, it would be better if it is dedicated to the whole teaching profession. And 5th of September should be celebrated as teachers day all over India to pay honor to the teaching profession.
For all students of India, Teachers’ Day is like an occasion and opportunity to pay tribute and gratitude to their teachers for their continuous, selfless and precious efforts in shaping the future. They are the reason to enrich all the quality education system in the country and process it continuously without getting tired. Our teachers never consider us less than their own children and teaches us from their heart. As kids we need inspiration and motivation which we surely get from our teachers. They prepare us to tackle any bad situation of the life through the knowledge and patience. Dear teachers, we are really grateful to all of you and would be forever.
Thank You

Teachers Day Speech 3

Good morning to the respected Principal, teachers and my dear friends. As we all know that we are here to celebrate teachers day today. My self, _______ studying in class __ would like to speech on the occasion of Teachers Day. But first of all I would like to thank my class teacher to offer me such a great opportunity to speech on teachers day. The title of my speech is, why teachers are so important in our life.
In India, teachers day is celebrated by the students on 5th of September every year. It is the birth anniversary of the Dr. Sarvepalli Radhakrishan. His birth date is being celebrated as teachers day every year from the time when he became President of India in 1962 after the students request.
Teachers really play key roles towards the education and student’s life. Teachers generally become a person with proper vision, knowledge and experience. Teaching profession is a profession of great responsibility than any other jobs. Teaching profession has a great impact on the growth, development and well being of the students and nation. According to the Madan Mohan Malavia (founder of Banaras Hindu University), a teacher is “…….It Lies Largely In His Teacher’s Hand To Mould The Mind Of The Child Who Is Father Of The Man. If He Is Patriotic And Devoted To The National Cause And Realizes His Responsibility, He Can Produce A Race Of Patriotic Men And Women Who Would Religiously Place The Country Above The Community And National Gain Above Communal Advantage.”
There are many precious roles of teachers in education of students, society and country. The growth and development of the people, society and country is solely depend on the quality of education which can be given by a good teacher. Good quality education is very necessary to all to fulfill the need of politicians, doctors, engineers, businessmen, farmers, artists, scientists, etc in the country. Teachers have to continue hard works and go through variety of books, articles, etc to put thorough knowledge needed to the society. They guide their students all time and tell the path to make good career. There were many ideal teachers in India who have set themselves as role models for the upcoming teachers.
An ideal teacher become courteous all time without being impartial and not affected by insult. Teachers are like parents in the school for all student. They do their best to maintain health and concentration level of the students. They motivate students to participate in the extra curricular activities also besides studies in order to improve students mind level.
I am going to recite some well said quotes on education, students and teachers by the Indian Prime Minister, Narendra Modi during his interaction with students on the Teachers’ Day:
“Education should become a force for the nation’s character building.”
“Dialogue with students: Enjoy childhood. Don’t let the child in you die.”
“We must restore respect for the teacher in our society.”
“Can’t India dream of exporting good teachers?”
“Children can contribute to nation-building through cleanliness, saving electricity and water.”


Teachers Day Speech 4

A very good morning to the Principal sir, respected teachers and my dear colleagues gathered here. We all are collected here to celebrate an occasion called teachers day. Today is 5th of September which is being celebrated as teachers day in all the schools and colleges by the students to pay honor to the teachers for their valuable contribution to the society and country by imparting knowledge and shaping the career of students. Celebration of Teachers Day has been a popular event in the country from the time it was started celebrating after the student’s request to Dr. Sarvepalli Radhakrishan. 5th of September is the birth anniversary of the Dr. Sarvepalli Radhakrishan which is celebrated as teachers day. Students pay honor to their teachers for selfless effort in shaping the career and enriching the education system all over the country.
Teachers day is celebrated as a special event in many countries at different dates. In China, it is celebrated on 10th of September every year. The aim celebrating this event in all countries is generally to pay honor to the teachers and admire all the achievements in the field of education. A huge preparations takes place in the schools and colleges by the students while celebrating this event. A range of students participate in the cultural programs, speech and other activities in order to make this event special and memorable. Some students celebrate this event in their own way by presenting their favorite teachers a colorful flower, teachers day cards, gifts, e-greeting cards, sms, messages, etc to respect and admire them.
Teachers day celebration is an wonderful opportunity for all the students to do something for their teachers in their respect and honor. It is also like an appreciation to the new teachers to become a responsible teacher in the future towards the education. As being a student, I always would be grateful to my all teachers in my life.
Thank You

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